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Keora (Screw pine) ke Upyog: Ayurved me mahatva aur fayde

Table of Contents

परिचय(Introduction)

Keora जिसे आयुर्वेद और हिंदी में केतकी या कंटदला के नाम से जाना जाता है|English मे इसे Screw pine के नाम से जानते हैं|इसका वैज्ञानिक नाम Pandanus odoratissimus Linn. है|यह प्रसिद्ध औषधिय पौधा माना गया है|इसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही उत्तेजक,उदवेस्टना  निरोधी एवं शोथहर जैसी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है| 

keora

Keora का आयुर्वेद जगत में संक्षिप्त परिचय

केवड़ा,सामान्यत: बोलचाल की भाषा में कहा जाता है|इसे हिंदी में केतकी या कंटदला के नाम से जाना जाता है|इसका Botanical name Pandanus odoratissimus linn. है|

इसके अलावा यह Pandanus Fascicularis Lamk,PANDANACEAE प्रजाति का है|

यह बहुत ही लाभदायक एवं कारगर औषधि के रूप में जाना जाता है|

इसके जड़, पेड़,फूल एवं फल से भी तेल बनाया जाता है|साथ ही इसके सारे भागों का प्रयोग आयुर्वेद औषधि के रूप में किया जाता है| 

Keora का आयुर्वेद औषधि के रूप में बढ़ती मांग

केवड़ा,हालांकि या पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक औषधि वनस्पति की श्रेणी में आता है|

इसके अलावा इसके हर भागों से आयुर्वेदिक जगत में औषधि का निर्माण होता है|

साथ ही इसके फलों एवं फूलों का गुण बहुत ही जबरदस्त होता है|

सबसे पहले इसके फलों की बात करें तो इसके फलों से तेल निकाला जाता है|

जबकि इसके फूलों से सुगंधित पदार्थ के निर्माण में लगाया जाता है|

इसके अलावा केवड़ा हमारे स्वास्थ संबंधी समस्याओं के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है|

इस post में केवड़ा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

इस लेख के माध्यम से हम केवड़ा के सारे महत्वपूर्ण बातों को समझने वाले हैं|

इसमें हम केवड़ा के आकार प्रकार, स्वरूप के बारे में विस्तार से बात करेंगे|

इसके अलावा हम इसके रासायनिक संगठन,तत्वों एवं इसके महत्वपूर्ण गुणों के बारे में जानने वाले हैं|

साथ ही इसके उपयोग एवं इसके बारे में खास सावधानियां एवं सीमाओं को भी जानेंगे|

अंत में आधुनिक विज्ञान में केवड़ा का क्या महत्व है |इसके बारे में भी जानेंगे|

Keora का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में परिभाषा(Definition of  keora as an ayurvedic medicine)

Keora एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि किस श्रेणी में है

क्योंकि केवड़ा के अंदर बहुत सारे रासायनिक एवं आयुर्वेदिक गुणों की भरमार होती है|

साथ ही इसके बहुत सारे स्वस्थ समस्याओं के लिए औषधीय का निर्माण होता है|

जिसके कारण केवड़ा का आयुर्वेद में बहुत ही महत्व रहा है|

खासकर केवड़ा का प्रयोग होने वाले भाग में,जैसे इसके मूल,पत्ता,फूल एवं फल का विशेष महत्व होता है|

इसके फूलों से तेल का निर्माण किया जाता है|जो कि हमारे लिए बहुत लाभदायक होता है|

केवड़ा को किन स्रोतों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है

केवड़ा,जो की पूर्ण रूप से एक प्राकृतिक वनस्पति है|

यह विशेष कर तालाबों एवं पानी वाले जगह पर उगते हैं|

जहां पानी की मात्रा ज्यादा रहा करती है|

वैसे जगह पर केवड़ा के पौधे देखने को मिलते हैं|यदि हम इस पौधे की बात करें तो यह जहां पर भी उगता है|पौधों का झुंड बना होता है|

यदि हम इसके स्वरूप की बात करें तो यह एक बड़ा घना झाड़ीदार वृक्ष जैसा दिखाई देता है|

ज्यादातर इसकी जड़  हवा में लटकी होती है|इसके पत्ते सरल शाखों के अंत में समूह में होते हैं|

पत्तों के ऊपरी भाग एवं बीच का भाग पर तेज कांटे होते हैं|

इसके फूलों के रंग हल्के पीले रंग के छोटे-छोटे एवं सुगंधित होते हैं|साथ ही यह मंजरियों में होते हैं|

Keora का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में रासायनिक गुण एवं स्वास्थ्य के लिए विशेष महत्व(The chemical properties and health benefits of keora as an ayurvedic medicine)

केवड़ा में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण एवं रासायनिक गुण

केवड़ा का आयुर्वेद ग्रंथो में जिक्र है| इसका मतलब इस प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जाता है|

क्योंकि इसमें बहुत से लाभदायक एवं कारगर रासायनिक गुणों एवं तत्वों का मिश्रण पाया जाता है|

इसलिए इसके सक्रिय गुणों के कारण ही आयुर्वेद जगत में इसका बड़ा महत्व माना जाता है|

हम इसके महत्वपूर्ण गुणों के बारे में जानते हैं|

Keora में मौजूद रासायनिक संगठन एवं पाए जाने वाले मुख्य घटक

केवड़ा में फिजीयोन,स्रिसीलिनीयॉल,N ट्राईकंटिनल एवं बीटा सीटोस्ट्रीरोल जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं|

इसके अलावा इसमें स्टिग्मा स्टिराल चर्च चर्च कंपेस्टेरोल के साथ-साथ डोक स्टीराल के अलावा पामेटिक अम्ल एवं स्टीयरिक अम्ल मौजूद होते हैं|और सबसे खास बात इसके फूलों में सुगंधित तेल पाया जाता है|

keora का हमारे स्वस्थ पर प्रभाव

केवड़ा में बहुत सारे रासायनिक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है|

जो कि हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है|आगे जानते हैं यह हमारे लिए कितना प्रभावशाली होता है|

साथ ही इसमें क्या-क्या गुण पाए जाते हैं|

  • उत्तेजक क्रियाओं में उपयोग होने वाली औषधियां के निर्माण में|
  • स्वास संबंधी समस्याओं के लिए प्रयोग|
  • सुगंधित पदार्थों के निर्माण में केवड़ा का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि केवड़ा के फूलों का सुगंध बहुत बेहतरीन होता है|
  • हृदय संबंधी रोगियों के लिए ताकत प्रदान करती है|

Keora का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग एवं इससे होने वाले विभिन्न फायदे(The ayurvedic uses of keora as an medicine herb and its various health benefits)

केवड़ा में बहुत सारे महत्वपूर्ण स्वास्थ्यसंबंधी घटक पाए जाते हैं|जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है|हम इसके उपयोग के बारे में जानने की कोशिश करेंगे|

केवड़ा का प्रयोग निम्नलिखित स्वस्थ समस्याओं के लिए किया जाता है:-

सर्वप्रथम हम इसका उपयोग किन रोगों के लिए किया जाता है|

  • कुष्ठ रोग,चेचक,फिरंग,कडू, सर दर्द के लिए,पाचन क्रियो में होने वाली गड़बड़ियों के लिए,महिलाओं में होने वाले योनि रोगों के लिए यह बहुत ही प्रभावकारी होता है|
  • इसके अलावा चर्म रोगों के लिए,फोड़े फुंसी के इलाज के लिए,चोट एवं दुर्घटना के कारण टूटी हड्डियों को ठीक करने के लिए|
  • साथ-साथ मूत्र संबंधी समस्याओं में एवं बेहोशी इत्यादि के लिए इसका प्रयोग किया जाता है|
  • चर्म रोगों के लिए इसके पत्तों को पीस कर लेप लगाने से लाभ मिलता है|
  • सर दर्द,कटीसुल एवं उल्टी या अनपच जैसे समस्याओं के लिए केवड़ा का तेल से मालिश करने से बहुत जल्द लाभ मिलता है|
  • रक्त प्रदर में इसके मूल का प्रयोग किया जाता है|
  • लंबे समय से चल रहा है बदन या शरीर दर्द में या नसों से संबंधित रोगों के लिए इसका लेप बहुत ही लाभदायक माना जाता है|

विशेषकर यह दीर्घकालीन स्वस्थ लाभ प्रदान करता है|इसके अलावा शरीर और मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है|साथ ही इसमें किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता|क्योंकि यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प माना जाता है|

Keora के प्रयोग के लिए कुछ विशेष सावधानियां एवं सीमाएं(Some precautions and limitations for the use of keora)

हमने केवड़ा के विभिन्न प्रकार के फायदे के बारे में जाना|हमने जाना की केवड़ा एक पूर्ण रूप से प्राकृतिक वनस्पति एवं आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है|इसके मूल,पेट एवं फूलों तक से हमारे स्वास्थ संबंधी उपचारों के लिए काम आता है|खासतौर पर कहा जाए तो यह बहु उपयोगी पेड़ या पौधे के रूप में जाना जाता है|

आयुर्वेदिक औषधियां की एक बहुत ही खास बात यह होती है|कि यहां यदि किसी व्यक्ति को एक बार असर कर जाए तो उसे पर अवश्य काम करेगी |परंतु यदि यह हर किसी को सूट नहीं करता|

केवड़ा के प्रयोग करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां एवं कुछ बातों को जानना बेहद जरूरी होता है|

  • केवड़ा का प्रयोग कभी भी बिना वैध के राय से इस्तेमाल न करें|जब भी आपको जानना या समझना हो तो आप किसी जानकार या अनुभवी लोगों से सलाह ले सकते हैं|
  • क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में रासायनिक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है|इस कारण इसे गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के इस्तेमाल से दूर रखें|
  • कुछ लोग स्वस्थ संबंधी समस्याओं के लिए विभिन्न प्रकार के मेडिसिन का सेवन कर रहे हो,वैसे लोगों को आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं को एक साथ लेने से बचे| 

आधुनिक विज्ञान में केवड़ा का आयुर्वेदिक रूप  से मेल(The harmony between science keora as an ayurvedic medicine)

केवड़ा को वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित एवं निर्मित विभिन्न प्रकार की औषधियां

1.एंटीऑक्सीडेंट गुण की मात्रा

  • वैज्ञानिकों के शोधों के द्वारा पता चलता है कि केवड़ा के पतियों एवं फूलों में फ्लावो नाइट्स के साथ-साथ पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं|यह शरीर में  होने वाले युक्त कणों को नष्ट करते हैं|
  • लाभ:- केवड़ा से हृदय रोग,कैंसर एवं समय से पहले उम्र को धीमा करती है|

2.नींद के लिए एवं चिंता मुक्त बनाने में कारगर औषधि

  • इससे निर्मित खुशबूदार आयुर्वेदिक तेल से विभिन्न प्रकार की समस्या एवं परेशानियों का समाधान होता है|

उदाहरण के लिए:-अनिंद्र,चिंता और मानसिक संक्रमण जैसे समस्याओं को ठीक करता है|

  • वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया कि इसकी सुगंध दिमाग को आराम देती है|

3.एंटीफंगल प्रमाण एवं एंटीबैक्टीरियल के लिए कारगर

  • keora oil (ऐसेसीएल तेल)जो कि staphylococcus aureus.coli जैसे नुकसानदायक बैक्टीरिया को नष्ट करता है|साथ ही Candida albicans नुकसानदायक फंगल संक्रमणों को खत्म करता है|

4.शारीरिक सुजन एवं दर्द निवारक

  • केवड़ा के द्वारा निर्मित अर्क से शरीर में होने वाले सूजन जैसे समस्याओं के लिए|
  • साथ ही विभिन्न प्रकार के दर्द निवारक जैसे गठिया इत्यादि में कारगर होता है|

निष्कर्ष(Conclusion)

इस लेख के माध्यम से हमने केवड़ा के बारे में संपूर्ण जानकारी दी|इससे पता चलता है कि केवड़ा न सिर्फ एक सुगंधित फूल एवं पौधा है|बल्कि यह एक पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक वनस्पति औषधि भी है|इसके ऊपर आज भी विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिकों का अध्ययन द्वारा बेहतर एवं प्रभावी औषधि माना गया है|

साथ ही इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की स्वस्थ समस्याओं जैसे मूत्र बीमारी,पाचन क्रिया,संक्रमण एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रकार से औषधीय का निर्माण किया जाता है|

यदि आप अपने स्वास्थ्य संबंधी एवं आयुर्वेदिक औषधियां के बारे में और ज्यादा जानकारी चाहते हैं|तो आप देख Imhoro.com पर जाकर देख सकते हैं|

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)

Q.केवड़ा के फूल एवं पौधों को प्राकृतिक रूप से कहां देखने को मिल सकता है?

A.ज्यादातर यह तालाबों एवं पानी वाले जगह पर ही आपको देखने को मिल सकता है|

Qक्या इसके फूलों से किसी प्रकार का सुगंधित द्रव्य का निर्माण होता है?

A.हां बिल्कुल,खास कर या सुगंधित होने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी काम आता है|

Q.Keora के औषधीय को कहां से प्राप्त किया जाता है?

A. आप इससे निर्मित प्रोडक्ट को आयुर्वेदिक औषधि स्टोर एवं Online platform से online order कर सकते हैं|

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Written by Suraj Horo

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