परिचय(Introduction)
Jamalgota जिसे आयुर्वेद में जयपाल या दांतीबीज के नाम से जाना जाता है|यह एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा माना गया है|इसका वैज्ञानिक नाम Croton Tiglium Linn है|यह EUPHORBIACEAE प्रजाति का है|इसका उपयोग प्राचीन काल से ही बालों के तेल,रक्त कैंसर एवं लीवर संबंधित जैसी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है|English में इसे Croton oil seed कहा जाता है|

Jamalgota की वर्तमान में बढ़ती मांग
जमालगोटा एक पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक औषधि है|
वर्तमान समय में भी इसकी उपयोगिता को देखते हुए,मांग बढ़ती जा रही है|
क्योंकि इससे विभिन्न प्रकार के रोगों की समस्याओं का निवारण के लिए औषधि का निर्माण किया जाता है|
किंतु बहुत सारे लोगों को अभी भी जमालगोटा के संपूर्ण लाभ के बारे में जानकारी नहीं है|
आईए इस पोस्ट(post)में हम Jamalgota के बारे में सब कुछ विस्तार से जानने वाले हैं|
इसमें हम जमालगोटा के स्वरूप,इसके बारे में महत्वपूर्ण बातें,सावधानियां,सीमाएं और आधुनिक विज्ञान में इसकी महत्व के बारे में जानेंगे|इसके अलावा हम जमालगोटा के स्वास्थ्य लाभ एवं विभिन्न प्रकार के फायदे के बारे में बात करेंगे|
Jamalgota का परिभाषा
जमाल गोटा एक छोटे कद का हरा वृक्ष होता है|जिसकी शाखाएं छोटी-छोटी होती है|इसका पत्ता मुलायम एवं दंतुर आकर के होते हैं|साथ ही किनारे वाले भाग चिकनी एवं नुकीले होते हैं|इसके फूल हल्के सफेद एवं हल्के रंग के मिश्रण पर होते हैं|इसके फलों का आकार त्रिकोण या लंबे अंडाकार का होता है|साथ ही इसके बीज बादामी रंग के होते हैं|खासकर इन्हें ही जमाल गोटा कहा जाता है|
Jamalgota किन स्रोतों में पाया जाता है
सामान्यत: जमालगोटा को हम बीज के रूप में ही प्राप्त करते हैं|क्योंकि इसका प्रयोग होने वाले भागों में बीज ही प्रमुख होता है|इसके अलावा इसके पेड़ में ऐसा कुछ खास प्रयोग में आने वाली कोई खास भाग नहीं है|
साथ ही इसके बीजों से विभिन्न प्रकार की मेडिसिन एवं औषधीय के साथ-साथ तेल का भी निर्माण किया जाता है|
Jamalgota में पाए जाने वाले रासायनिक गुण
जमालगोटा बहुत ही उपयोगी एवं लाभदायक दवाओं की श्रेणी में आता है|
क्योंकि इसके बीज में बहुत ही सक्रिय तत्व सीकारसाइनोजेनिक,पोलियोल,फॉर बॉल,एसिटिक अम्ल,टाइग्निक अम्ल,एवं मिरसीटिक अम्ल की भरपूर मात्रा पाई जाती है|
इसके अलावा इसके बीजों में शिकार्सिनोजेंस,बीटा साइटोस्ट्रोल,होमोलिटिक प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण रासायनिक गुण पाए जाते हैं|
साथ ही साथ है इसमें क्रूटोनिक अम्ल,क्रोटॉन तेल,जिसमें क्रोटनमिल्क अम्ल के साथ-साथ टिकलिक अम्ल या मिथाइल क्रोटोनिक अम्ल और क्रोटोनाल जैसे आवश्यक घटक पाए जाते हैं|
Jamalgota के द्वारा हमारे शरीर को किस तरह से लाभ मिलता है
जमालगोटा में खास प्रकार का तेल पाया जाता है|
जो की बालों के लिए बहुत लाभदायक होता है|
इसके अलावा यह शरीर के अंदर होने वाले विश या नुकसान होने वाले पदार्थों को भी बाहर निकलता है|
साथ ही साथ यह शोधहरि के अलावा पेट से संबंधित दर्द में भी काम आता है|
खासकर पाचन क्रिया को बेहतर करने के साथ-साथ शरीर में किसी भी प्रकार की विरेचन अथवा पेट के अंदर बना रहे क्रीमयों को नाश करने में बहुत कारगर होता है|
Jamalgota के फायदे एवं इसका उपयोग
जमालगोटा के दीर्घकालीन स्वास्थ्य लाभ
जमालगोटा हमारा स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है|
क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद होते हैं|
सबसे खास बात इसके बीजों की बात करें तो सर्वप्रथम इसके बीच आमवात रोगों में बहुत कारगर होते हैं|
इसके अलावा रक्त कैंसर में इसका उपयोग होता है|लीवर की बीमारी में,जोड़ों के दर्द में यह कारगर होता है|
सबसे खास बात,जमालगोटा की यह है कि यह एक कीटाणु नाशक एवं कृमि नाशक गुण वाली बहुत ही बेहतर औषधि मानी जाती है|
इसके तेल की एक बूंद के उपयोग से पतले दस्त ठीक हो जाते हैं|
यदि कोई भी व्यक्ति इसका अधिक मात्रा में प्रयोग करता है तो उसे पेट में मरोड़ हो सकता है|
इसका प्रयोग बेहोशी रोगियों को होश में लाने के लिए भी किया जाता है|
साथ ही इसका प्रयोग मस्तिष्क संबंधी रक्त स्राव रोगों में भी प्रयोग किया जाता है|
इसके अलावा सामान्यत: आमवतएवं संधि शोथ में इसके तेल का बाहरी प्रयोग करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है|
Jamalgota के द्वारा शरीर और मन का संतुलन
इसके प्रयोग से स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रकार के समस्याओं का निवारण हो जाता है|एवं साथ ही शरीर एवं मन का संतुलन ठीक-ठाक बना रहता है|
साइड इफेक्ट कम होना
क्योंकि जमालगोटा खासकर पूर्ण रूप से प्राकृतिक औषधि माना जाता है|इसलिए यदि हम इसकी सही मात्रा का इस्तेमाल करें तो यह हमारे शरीर के लिए किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है|बस हमें इसकी सही मात्रा को समझने की आवश्यकता होती है|
जमालगोटा पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं सुरक्षित विकल्प हैं
चुकी या पूर्ण रूप से प्राकृतिक में पाए जाने के कारण यह कारगर तो है ही,साथ ही शरीर के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित विकल्प भी माना गया है|क्योंकि यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधियां की श्रेणी में आता है|हां परंतु जब भी आपको इसका प्रयोग करना हो,आपको कुछ बातों की जानकारी होना अति आवश्यक है|
Jamalgota के प्रयोग से पहले कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां एवं सीमाएं
जमालगोटा ऐसे तो बहुत ही लाभदायक दवा होता है|जिससे विभिन्न प्रकार की स्वस्थ समस्याओं का निवारण होता है|जिसमें कब्ज संबंधित,पेट की बहुत सारी परेशानियों का हल निकलता है|साथ ही साथ यह हमारे लिए बहुत ही कारगर साबित होता है|परंतु सबसे बड़ी बात यह है कि जमालगोटा के प्रयोग से पहले हमें कुछ सावधानियां के बारे में जानना अति आवश्यक है|
बिना डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के बिना इस्तेमाल न करें
आपको जब भी जमालगोटा का इस्तेमाल करना हो,तो आपको एक बार किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए|क्योंकि हर इंसान का स्वास्थ अलग-अलग होता है|जिससे उसे दवा की मात्रा का भी अलग-अलग आवश्यकता पड़ती है|तो इस बात का हमेशा ख्याल रखें,जब भी जमाल गोटा का प्रयोग करना हो|एक बार डॉक्टर एवं जानकार से अवश्य परामर्श ले|
जमालगोटा का प्रयोग बच्चों एवं गर्भवती महिलाएं
इस बात का आपको विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका प्रयोग बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को न करने दिया जाए|क्योंकि इनका स्वास्थ्य काफी संवेदनशील स्थिति पर होता है|जिसके कारण उनके स्वस्थ पर बहुत जल्दी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है|
पहले से किसी और दवाओं का सेवन कर रहे हो
वैसे लोग जो पहले से ही किसी प्रकार की कोई बीमारियों के दवाओं का सेवन कर रहे हो|जैसे आयुर्वेदिक और एलोपैथिक मेडिसिन को एक साथ लेने से पहले भी डॉक्टर अथवा किसी विशेषज्ञ की राय लेना बहुत ही जरूरी होता है|
इस प्रकार से हमने जमालगोटा के कुछ खास सावधानियां के बारे में जाना|जिसे हमें जानना बहुत ही जरूरी होता है|
वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित जमालगोटा के मुख्य औषधियां
1.जमालगोटा के आयुर्वेदिक औषधियां में Agastya haritaki ahalev
इसका प्रयोग:- एसिडिटी,पाचन क्रिया को सही एवं कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है|इसकी खास बात यह है कि इस उत्पाद में सीधे तौर पर तो जमालगोटा का प्रयोग नहीं किया जाता है|परंतु कुछ संशोधन करके विरेचकों के रूप में मिश्रण किया जाता है|
2.अविपतिकर आयुर्वेद पाउडर
इसका उपयोग:-एसिडिटी,अपच एवं कब्ज की समस्याओं के लिए किया जाता है|
इन आयुर्वेदिक औषधियां में थोड़ी बहुत मात्रा का विरचक द्रव्य के रूप में कुछ घटक जोड़ा जाता है|
3.हमदर्द इतरीफल दीदान -यह एक यूनानी औषधि है|
इसका उपयोग :- यदि पेट में कीड़े हो जाए या फिर कब्ज की समस्या होने पर|
खासकर इसमें जमालगोटा के बीजों का परिष्कृत अवशेषों का मिश्रण किया जाता है|
4.अर्श होगिनी वटी-यह आयुर्वेदिक टैबलेट होता है|
सामान्यत: इसका प्रयोग बवासीर के(पाइल्स)के इलाज के लिए किया जाता है|
इस विधि में जमालगोटा का पूर्ण रूप से शुद्ध करके बहुत ही सीमित मात्रा में इसका प्रयोग किया जाता है|
जिससे पाचन संबंधी समस्या का निवारण हो|साथ ही मल विसर्जन आसानी से हो सके|
निष्कर्ष
जमालगोटा का प्रयोग बहुत हीसोच समझ कर एवं डॉक्टर के देखरेख में ही करना जरूरी है|
क्योंकि यह बहुत ही विषैला पदार्थ होता है|बिना जानकार या विशेषज्ञ की सलाह के कभी भी जमालगोटा का प्रयोग नहीं करना चाहिए|
अन्यथा इसका नुकसान के रूप में अत्यधिक मात्रा के सेवन से पेट में दर्द,डायरिया या आंतो की नुकसान की भी संभावना हो सकती है|
इसलिए आपको जमालगोटा के प्रयोग से पहले बहुत ही सावधानी की आवश्यकता होती है|
यदि आप इसके बीजों का प्रयोग करते हैं तो अच्छी तरह से शोध या प्यूरिफाई होने के बाद ही इसका प्रयोग औषधि के रूप में कर सकते हैं|
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)
Q.मुझे जमालगोटा का प्रयोग कब करना चाहिए?
A.यदि आपको कब्ज,एसिडिटी अथवा अपच संबंधी समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह पर या किसी आयुर्वेद के जानकार से परामर्श लेकर ही इसका प्रयोग करना चाहिए|
Q.मुझे जमालगोटा कहां से प्राप्त हो सकता है?
A.आपको यह आयुर्वेद मेडिकल स्टोर से आसानी से उपलब्ध हो सकता है|
Q.क्या इसका प्रयोग कोई भी कर सकता है?
A.बिल्कुल नहीं,इसके प्रयोग से पहले आपको डॉक्टर अथवा विशेषज्ञ की राय अवश्य लेनी चाहिए|