परिचय(Introduction)
Alsi,जिसे आयुर्वेद में तीसी, अलसी, नील पुष्पी के नाम से जाना जाता है|यह प्रसिद्ध औषधि गुणों वाला पौधा माना गया है|इसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही शारीरिक बल के लिए,स्वास संबंधी एवं मूत्र संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता रहा है|

Alsi का आयुर्वेदिक जगत में संक्षिप्त परिचय
अलसी सामान्यत: जिन्हें हम हिंदी में तीसी,अलसी,नील पुष्पी इत्यादि नाम से जानते है|इसे English में Linseed कहते हैं|इसका Botanical name Linum usitatissimum Linn. है|साथ ही यह LINACEAE प्रजाति का पौधा माना जाता है|इसका प्रयोग प्राचीन समय से ही किया जाता आया है|अलसी के बीज एवं तेल का हमारे स्वास्थ्य जीवन में बहुत ही बेहतर योगदान रहा है|इसके बीज एवं तेल बहुत लाभदायक होता है|
Alsi का आयुर्वेद में औषधि के रूप में बढ़ती मांग
अलसी पूर्ण रूप से एक प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक वनस्पति औषधि है| यह बहु उपयोगी होने के कारण, इसकी मांग हमेशा बनी रहती है|यह प्राचीन काल से लेकर आज तक स्वास्थ संबंधी समस्याओं के लिए उत्तम माना गया है| क्योंकि अलसी से आज के समय में विभिन्न प्रकार की मेडिकल कंपनियों के द्वारा कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए औषधीय का निर्माण किया जाता है|और यह कारगर भी हो रहा है|इस वजह से इससे बने आयुर्वेदिक औषधि आज बाजार में मिल रहे हैं|
इस Post में अलसी के बारे में आप क्या जाने वाले हैं?
इस लेख के माध्यम से अलसी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने वाले हैं|सबसे पहले हम इसके स्वरूप,आकार प्रकार,इससे प्राप्त होने वाले रासायनिक संगठन,तत्व ऑन एवं इनसे मिलने वाले गुणों के बारे में जानेंगे|इसके अलावा इसे किस तरीके से उपयोग में लाया जाता है? साथ ही कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां एवं सीमाओं के बारे में जानने वाले हैं| और सबसे अंत में हम अलसी का आधुनिक विज्ञान में होने वाले विशेष महत्व को जानेंगे|
Alsi का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में परिभाषा(Definition of ALSI as an ayurvedic medicine)
अलसी को आयुर्वेद औषधि की श्रेणी में रखना
हालांकि अलसी में बहुत सारे रासायनिक संगठनों के अलावा विशेष प्रकार के आयुर्वेदिक गुणों की मात्रा पाई जाती है|यह हमारे दैनिक जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी औषधि माना जाता है|परंतु हमें इसकी उपयोगिता एवं विशेषता के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है|अलसी के बीज एवं उससे निकलने वाले तेल सर्वोत्तम स्वास्थ संबंधी समस्याओं के लिए बेहतर माने जाते हैं|
Alsi को किन स्रोतों के द्वारा प्राप्त किया जाता है
क्योंकि अलसी एक पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक वनस्पति पौधा माना जाता है|कई जगहों पर इसकी महत्वता को देखकर बड़े पैमाने पर खेती भी की जाती है|क्योंकि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है|यदि हम इसके स्वरूप की बात करें तो यह पौधा 1-2 फिट के ऊंचाई का होता है|इसकी शाखाएं पतली परंतु कठोर होती है|साथ ही इसके पत्ते छोटे एवं रेखाकार होते हैं|इसके अलावा पत्तों का तीन शिराओं युक्त होता हैं|इसके फूलों का रंग नीले रंगों में होती है|जो की देखने में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक लगता है|यदि इसके फलों की बात की जाए तो फल गोलाकार होते हैं|एवं ऊपर से नुकीली और पांच कोष युक्त होता है|
Alsi का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में रासायनिक गुण एवं स्वास्थ्य के लिए विशेष महत्व(The chemical properties and health benefits of alsi as an ayurvedic medicine)
अलसी में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण एवं सक्रिय गुण
यह शुरुआत से ही अपने बेहतर आयुर्वेद के विशेष गुणों के लिए प्रसिद्ध माना जाता आया है|क्योंकि अलसी के बीज से बहुत ही बेहतर किस्म के तेल बनते है|इससे निर्मित तेल स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होता है|
आईए जानते हैं अलसी के रासायनिक एवं सक्रिय गुना के बारे में:
इसके बीजों में 30-40 % तेल निकलता है|जो की बेहतर होता है|इसके अलावा अलसी से गोंद,प्रोटीन,मोम, राल एवं शुगर जैसे विशेष रासायनिक तत्वों की प्राप्ति होती है|इसके साथ ही इससे फास्फेट,अल्प मात्रा में एक प्रकार का ग्लूकोसाइड-लिनामरीन तत्व पाए जाते हैं|और इसके आपरिपक्व बीज तथा पुष्पों में हाइड्रो सैनिक अम्ल तथा एक लीपरिन नामक घटक पाए जाते हैं|
अलसी हमारे स्वास्थ के लिए किस प्रकार से बेहतर प्रभाव डालते हैं
अलसी का हमारे दैनिक जीवन में बहुत प्रभावकारी महत्व रहा है|
हालांकि हम अलसी के विशेष गुणों के बारे में नहीं जानते हैं|
इस कारण हमें इसके सारे खूबियां एवं विशेषताओं की जानकारी नहीं है|
परंतु अलसी से निर्मित औषधीय हमारे स्वास्थ संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही कारगर साबित होते हैं|
आईए जानते हैं|इसके महत्वपूर्ण गुणों के बारे में- साथ ही यह हमारे स्वास्थ्य के लिए किन तरीके से लाभदायक होते हैं?
- खासकर इसके बीजों से निर्मित आयुर्वेदिक तेल से विभिन्न प्रकार के शारीरिक ताकत,शरीर में हो रही दर्द या हम इसे दर्द निवारक औषधि कह सकते हैं|पाचन प्रणाली में सहयोग,एवं पेट से संबंधित सभी समस्याओं के निवारण के लिए इसका प्रयोग किया जाता है|
Alsi का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग एवं इससे होने वाले विभिन्न फायदे(The ayurvedic uses of alsi as a medicine herb and its various health benefits)
अलसी का आयुर्वेदिक जगत में तो प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जाता रहा है|और इसकी महत्व को देखते हुए आज भी अलसी उतना ही कारगर साबित हो रहा है|खासकर इससे निर्मित आयुर्वेदिक तेल|जो की बिल्कुल स्वस्थ वर्धक के रूप में जाना जाता है|
Alsi का आयुर्वेद औषधि रूप में, हमारे स्वास्थ्य को मिलने वाले विभिन्न प्रकार के लाभ
इसका प्रयोग निम्नलिखित स्वस्थ समस्याओं के लिए किया जाता है|
- सर्वप्रथम इसके बीज से निर्मित तेल,शरीर के लिए फायदेमंद होता है|
- इसके इस्तेमाल से शरीर को बल मिलता है|
- मूत्र संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए प्रयोग किया जाता है|
- अलसी वात हर या वात दोष को नष्ट करता है|
इसमें विशेष प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते हैं|जो की वात को भी शांत करता है|
- इसके अलावा यह दर्द निवारक तेल के लिए भी उपयोग में लाई जाती है|
साथ ही साथ यह विभिन्न प्रकार की समस्याओं जैसे पाचन तंत्र को सुदृढ़ करने में,भूख बढ़ाने एवं सबसे खास बात-शरीर में बने हुए किसी भी प्रकार के घाव को जल्द से जल्द भर देता है|साथ ही उसे ठीक होने में समय कम लगता है|
अलसी का हमारे दैनिक जीवन में दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ
यह शरीर और मन का संतुलन को बनाकर रखता है|
और इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता|
क्योंकि यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक वनस्पति औषधि के रूप में जाना जाता है|
इसके तेल का प्रयोग बीजों को पीसकर मिश्रण बनाकर ,फोड़े को पकने के लिए रुकावट माना जाता है|
साथ ही खांसी,प्रमेय एवं वात रक्त जैसी समस्याओं के लिए इसका विशेष प्रयोग किया जाता है|
इसके तेल को चूने के जल के साथ मिलकर,जले हुए या कटे हुए अंगों पर लगाया जाता है|
शरीर में यदि किसी प्रकार की चोट या घाव हो तो इसके लिए इसके बीजों को जल में पीसकर इसमें थोड़ा खट्टा दही मिलाकर घाव या चोट पर लेप लगाने से,यह ठीक होने लगता है|
यदि आपको बहुत ही तेज दर्द हो रहा हो,तो अलसी को दूध में उबालकर उसे दूध का लेप करने से दर्द एवं तकलीफ शांत हो जाती है|
महत्वपूर्ण उपयोग
- इसके बीजों की चाय बनाकर,लेने से खांसी एवं मूत्र मार्ग पर होने वाली समस्याओं के लिए लाभदायक होता है|
- हालांकि अलसी(कच्चा) का प्रयोग हितकारी होता है|
- शरीर में होने वाले फोड़े फुंसी एवं दर्द इत्यादि से लाभदायक होता है|
- क्योंकि इसके बीजों से एक प्रकार का ग्लूकोसाइड,साइनोजेनिक तत्व पाया जाता है|कई लोग इसे विष दिव्या मानते हैं|
- सबसे विशेष बात-गंधक के साथ अलसी का तेल मिलाकर उपयोग करने से चर्म रोग में बहुत ही सिद्ध माना गया है|
- साथ ही इसके पौधों से सुंदर रेशे निकाले जाते हैं|इससे कपड़े बनाए जाते हैं|
Alsi के प्रयोग के लिए कुछ विशेष सावधानियां एवं सीमाएं(Some precautions and limitations for the use of alsi)
हमने अलसी के संपूर्ण लाभ एवं बेहतर उपयोग के बारे में विस्तार से जाना|
क्योंकि यह एक बहुत ही बेहतर आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है|क्योंकि यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक है|
वैसे तो यह हर तरह से लाभदायक होता है|
परंतु हर इंसान का शरीर एवं उसका स्वास्थ्य अलग-अलग होता है|
इसलिए यदि इससे किसी व्यक्ति को लाभ हो रहा हो, तो किसी को हानि भी हो सकती है|
आईए जानते हैं इसके इस्तेमाल से पहले हमें किन-किन चीजों के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए एवं खास बातों का ध्यान रखना चाहिए|
हमें निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
- यदि आपको अलसी का सेवन या उपयोग करना हो तो बिना किसी बैध या आयुर्वेद के विशेषज्ञ के सलाह के बिना नहीं करना चाहिए|
- इसके अलावा इसका उपयोग गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को नहीं करना चाहिए| इससे दूरी बनाकर रखना ही सही है|
- साथ ही वैसे लोग जो किसी बीमारियों से ग्रसित हैं,वैसे लोगों को भी इनसे दूरी बनाकर ही रखना चाहिए|या फिर डॉक्टर की परामर्श से ही लेना चाहिए|
आधुनिक विज्ञान में अलसी का आयुर्वेदिक रूप से मेल(The harmony between modern science alsi as an ayurvedic medicine)
अलसी को वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रभावित एवं निर्मित विभिन्न प्रकार की औषधियां
1.सर्वप्रथम इसका प्रयोग अलसी का तेल(Linseed oil)के रूप में
- प्रमुख उपयोग:- अर्थराइटिस में,skin रोगों में,कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में,एवं हृदय संबंधी स्वास्थ्य के लिए किया जाता है|
- वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित:-
सर्वप्रथम इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड(ALA)की भरपूर मात्रा पाई जाती है|जिससे हृदय रोगों की रोकथाम में सहायता मिलती है|
- प्रयोग:- त्वचा पर लगाने वाले क्रीम,तेल एवं कैप्सूल्स निर्माण|
2.अलसी द्वारा निर्मित कैप्सूल एवं टैबलेट
- इसका विशेष प्रयोग:-खासकर महिलाओं के लिए वजन नियंत्रित,हार्मोन के संतुलन के लिए,साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए किया जाता है|
- प्रमाण:-इसके प्रयोग से LAL कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है|इसके साथ ही एस्ट्रोजन हार्मोन का संतुलन बेहतर होता है|
3.अलसी से निर्मित आयुर्वेदिक पाउडर
- इसका प्रयोग:-कब्ज एवं पाचन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए किया जाता है|
- प्रमाण:-इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर आंतों के लिए बेहतर होते हैं| जो की पाचन क्रिया को अच्छा बनाते हैं|
4.चर्म रोग एवं त्वचा से संबंधित रोगों के लिए मलहम(Ointment)
- इसका उपयोग:-एग्जिमा,घाव,खुजली एवं सूजन के लिए किया जाता है|
वैज्ञानिकों के अध्ययनों के मुताबिक
- Journal of Nutrition Pubmed एवं American Heart Associationजैसे महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित रिसर्च सेंटरो ने अलसी को बहुत ही बेहतर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में वर्णित किया है |
- डायबिटीज़ एवं ब्लड शुगर नियंत्रित के लिए|
- कैंसर रोधी गुणों के लिए जिम खासकर स्तन और प्रोटेस्ट कैंसर के लिए |
- हृदय रोग की रोकथाम में इस्तेमाल
- वजन नियंत्रण में सहायक|
निष्कर्ष(Conclusion)
इस लेख के माध्यम से हमने अलसी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान किया|इससे पता चलता है कि अलसी सिर्फ एक घरेलू एवं पुराने देसी उपाय नहीं रहा|बल्कि अलसी को आज भी विभिन्न प्रकार के मेडिकल संस्थानों द्वारा एक प्रभावशाली एवं प्रमाणित औषधि माना गया है|क्योंकि इससे निर्मित न्यूट्रास्यूटिकल्स दवा,मलहम,पाउडर/चूर्ण,कैप्सूल्स एवं तेल हमारे दैनिक जीवन की समस्याओं में लाभदायक होती है|
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)
Q.अलसी का प्रयोग हम किस तरह से कर सकते हैं?
A.अलसी से निर्मित विभिन्न प्रकार के औषधि, आपको आयुर्वेदिक औषधि सेंट्रो या मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाएंगे|
Q.क्या यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक होता है/
A.हां बिल्कुल|
Q.क्या इसका इस्तेमाल रोजाना कर सकते हैं?
A.हां,आप इसका इस्तेमाल रोजाना कर सकते हैं परंतु आपको इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लेनी चाहिए|
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written by Suraj Horo