परिचय(Introduction)
Ashwgandha जिसे आयुर्वेद में असगंध के रूप में जाना जाता है|
यह प्रसिद्ध औषधि पौधा माना गया है|
इसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही वाजीकरण,निद्रा जनक,दर्द निवारक एवं शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है|

Ashwagandha का संक्षिप्त परिचय
अश्वगंधा,जिसे हिंदी एवं आयुर्वेद की भाषा में असगंध के रूप में जाना जाता है|
इसे English में rapeseed plant/ winter cherry के नाम से जाना जाता है|
इसका वैज्ञानिक नाम Withania somnifera(Lim)Dunal. है|
और साथ ही यह SOLANACEAE प्रजाति का पौधा माना जाता है|सबसे खास बात इस पौधे में इस्तेमाल होने वाले भाग में इसका पचांग,मूल(खासकर),पत्ता,फल एवं बीज होता है|
Ashwgandha(Rapeseed plant)का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में बढ़ती मांग
अश्वगंधा का प्रयोग,प्राचीन काल से ही स्वस्थ समस्याओं के लिए विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता आया है|परंतु धीरे-धीरे इसकी विशेषता एवं गुणवत्ता को जानने के बाद आज भी इसकी गुणवत्ता बरकरार है|अश्वगंधा की आवश्यकता आज भी हमें अपने जीवन में महसूस हो रही है|क्योंकि इससे बहुत प्रकार की महत्वपूर्ण औषधीय का निर्माण होता है|
इस post में अश्वगंधा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
इस लेख के माध्यम से अश्वगंधा के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने वाले हैं|जिसमें विशेष कर अश्वगंधा के पौधों के आकार प्रकार,इसका स्वरूप,रासायनिक संगठन, गुण,तत्व,साथ ही इसका उपयोग के बारे में जानने वाले हैं|
और सबसे बड़ी एवं खास बात कुछ सावधानियां एवं सीमाओं के बारे में जानने वाले हैं|आयुर्वेदिक जगत में इसका महत्व क्या है?
Ashwgandha का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में परिभाषा(Definition of rapeseed plant as an ayurvedic medicine)
अश्वगंधा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि किस श्रेणी में
अश्वगंधा आयुर्वेद ग्रंथो में एक विशेष स्थान रखता है|
क्योंकि इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में किया जाता है|
इस पौधे की विशेषता यह है कि इसके सारे भागों से औषधीय का निर्माण होता है|
जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है|इसे स्वास्थ्य में विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं |
साथ ही इसमें बहुत से महत्वपूर्ण गुण भी पाए जाते हैं|
Ashwgandha को किन स्रोतों से प्राप्त किया जाता है
हालांकि अश्वगंधा पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक वनस्पति औषधि माना जाता है|
क्योंकि यह जंगलों एवं पहाड़ी क्षेत्रों पर पाया जाता है|
इस पौधे की विशेषता यह है कि यह वनोंऔषधि होता है|
इसके ऊंचाई लगभग 3-4 फिट होती है|इसके पत्ते सरल होते हैं|
साथ ही पत्ते कुछ नीचे की ओर मूढ़े होते हैं|इसके अलावा इसके फूल गुच्छा में होते हैं|
जो कि पत्ते के कोन होते हैं|खासकर यह पीले रंग या हल्के रंग के साथ लगभग 6 की संख्या में होते हैं|
इसके फल गोल बिल्कुल मटर के दाने के समान होते हैं|जो बाहर के परतों से ढके होते हैं|
Ashwgandha का आयुर्वेदिक औषधि के रूप में रासायनिक गुण एवं स्वस्थ है के लिए महत्व(The chemical properties and health benefits of ashwagandha as an ayurvedic medicine)
अश्वगंधा में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण रासायनिक एवं सक्रिय गुण
अश्वगंधा का आयुर्वेदिक जगत में बहुत ही विशेष महत्व रहा है|
क्योंकि इस पौधे में बहुत ही लाभदायक रासायनिक गुणों की भरमार होती है|
इसमें विभिन्न प्रकार के रासायनिक तत्व एवं घटक पाए जाते हैं|
Ashwgandha में मौजूद रासायनिक संगठन एवं पाए जाने वाले मुख्य घटक
अश्वगंधा में पाए जाने वाले रासायनिक संगठन एवं मुख्य तत्वों में से इसके मूल में एल्कालॉइड्स(सोम्निफरोंन),विधि मिनॉन,वासामीन, शर्करा,ग्लाइकोसाइड,एवं एमीनो अम्ल जैसे बेहतर गुण पाए जाते हैं|
इसके अलावा इसमें उत्पत तेल,विथेनिऑल,हेंट्रीयाकोटेंन के साथ-साथ फाएटॉस्ट्रॉल एवं तेल की मात्रा जबरदस्त पाई जाती है|
इसके साथ ही इसके पत्तों में वितनोलाइट्स,अल्कलॉइड्स के साथ-साथ गलथकोसाइट्स एवं ग्लूकोज एमीनो अम्ल जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं|
यदि हम इसके शाखों एवं कांड की बात करें तो इसके कांड में प्रोटीन,रेसे,अमीनो अम्ल के साथ-साथ टैनिनस,कैल्शियम एवं लाभ जैसे लाभदायक घटक पाए जाते हैं|
Ashwgandha का हमारे दैनिक जीवन में सकारात्मक प्रभाव
आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम धीरे-धीरे से अपने जीवन में बहुत ही व्यस्त हो चुके हैं|
दिनों दिन चिंता, तनाव एवं मानसिक दबाव में बढ़ते चले जा रहे हैं|
ऐसे में हमें कुछ समय रुक कर अपने स्वास्थ्य के बारे में और आयुर्वेदिक के बारे में जरूर सोचना चाहिए|
क्योंकि इसमें बहुत सारे गुण पाए जाते हैं|जो कि शरीर को बिना नुकसान पहुंचा बहुत सारा लाभ पहुंचता है|
इसके कुछ महत्वपूर्ण गुण:-
- अश्वगंधा का प्रयोग यौन शक्ति(काम शक्ति)बढ़ाने वाले औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है|
- स्वास्थ्य को बेहतर और लंबी अवधि तक बनाने वाले औषधि के रूप में इस्तेमाल होती है|इसमें दीर्घायु, रोग प्रतिरोधक क्षमता,शारीरिक एवं मानसिक शक्तियों को बढ़ाने के लिए|
- अनिद्रा जैसे समस्या
- पाचन प्रणाली एवं भूख बढ़ाने के लिए
- शारीरिक बल प्राप्त के लिए,इसके अलावा और भी महत्वपूर्ण गुण मौजूद हैं|जैसे दर्द निवारक,फफूंदी नाशक,शरीर में होने वाले कीटाणुओं को नाश करने वाला इत्यादि|
Ashwgandha का औषधि के रूप में उपयोग एवं होने वाले विभिन्न फायदे(The ayurvedic uses of ashwagandha as an medicine herb and its various health benefits)
अश्वगंधा का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
यह हमारे लिए बहुत ही लाभदायक माना गया है क्योंकि इससे बहुत ही बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं|हमने इसके लाभों के बारे में जाना परंतु इसका उपयोग किस तरह से किया जाता है?इस बारे में विस्तार चर्चा है |
अश्वगंधा का उपयोग निम्नलिखित समस्याओं के लिए किया जाता है:-
- यदि हम इसकी जड़ों की बात करें, तो सबसे पहले तेज बुखार में इसका प्रयोग होता है|
- शरीर में बहुत तेज दर्द के साथ सूजन हो,उसके उपचार के लिए
- घाव या फिर फोड़े फुंसी में
- सांस संबंधी के समस्याओं के लिए
इसके अलावा बहुत सारे स्वस्थ समस्याओं के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है|इसके लिए अश्वगंधा के जड़ों का चूर्ण बनाकर, घी में गर्म करके,इसमें चीनी एवं दूध मिलाकर सेवन करने से क्षय रोग,बाल शोध एवं सुखंडी रोगों में लाभ मिलता है|यही औषधि बच्चों के लिए बहुत ही पौष्टिक एवं पोषण प्रदान करता है|साथ ही बहुत सारे रोगों से बचाता है|
इसके सेवन से श्वेत प्रदर तथा कमर दर्द(स्त्रियों के)में लाभ मिलता है|
Note: अश्वगंधा में बहुत सारे महत्वपूर्ण गुणों की भरपूर मात्रा है|जिसे एक ही पोस्ट में उल्लेख करना असंभव है|परंतु कुल मिलाकर बात की जाए तो यह बहुत ही लाभकारी औषधि मानी जाती है|क्योंकि यह दीर्घकालीन स्वस्थ लाभों के लिए बेहतरीन होता है|साथ ही शरीर और मानसिक संतुलन को भी बरकरार रखती है|इसके अलावा किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता|और सबसे बड़ी बात यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं सुरक्षित विकल्प माना जाता है|
Ashwgandha के प्रयोग के लिए विशेष सावधानियां एवं सीमाएं(Some precautions and limitations for the use of rapeseed plant)
अभी तक हमने अश्वगंधा के विभिन्न प्रकार के उपयोग एवं लाभों के बारे में जाना|
जिसमें हमने बहुत सारे स्वास्थ संबंधी विशेषताओं को भी जाना|
क्योंकि यह एक पूर्ण रूप से प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है|
और आज के जमाने में इसकी विशेषता एवं महत्वता को देखते हुए इसके द्वारा बहुत सारे औषधीय का निर्माण किया जा रहा है|
परंतु एक चीज का हमेशा ध्यान रखना जरूरी है यदि किसी चीज से लाभ मिल रहा हो, तो उसे हानि भी हो सकती है|
इससे जुड़ी कुछ विशेष सावधानियां के बारे में जानेंगे| क्योंकि आप जब भी अश्वगंधा का उपयोग करें, तो आपको इसके बारे में जानकारी होनी आवश्यक है:-
- सर्वप्रथम जब भी आप अश्वगंधा का प्रयोग करें, तो उससे पहले किसी जानकारी या विशेषज्ञ की राय अवश्य लें|
- इससे बने प्रोडक्ट्स को गर्भवती महिला एवं बच्चो को देने से पहले,एक बार डॉक्टर की परामर्श अवश्य लें|
- इसका प्रयोग किसी भी बीमारी से इलाज कर रहे लोगों को भी डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है|
आधुनिक विज्ञान में अश्वगंधा का आयुर्वेदिक रूप में मेल(The harmony between modern science rapeseed plant as an ayurvedic medicine)
अश्वगंधा को वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित एवं निर्मित विभिन्न प्रकार की औषधियां
1.शारीरिक बल और ताकत बढ़ाने वाले सप्लीमेंट में
अश्वगंधा से थकान दूर करने,शरीर की मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और स्टेमिना को सुधार करने में बेहतर माना जाता है|
2.इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए/सिरप एवं पाउडर
इसमें विभिन्न प्रकार के मिश्रण से जैसे अश्वगंधा को तुलसी के साथ शिलाजीत,गिलोय का मिश्रण तैयार किया जाता है|जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है|
3.तनाव एवं चिंता आदि के लिए कैप्सूल निर्माण
Withanolides नमक मुख्य घटकों का मिश्रण से मानसिक तनाव,चिंता,अवसाद आदि में सहायता करता है|
इसके अलावा:-
- कैंसर विरोधी एंटीऑक्सीडेंट दवाओं के निर्माण में
- अनिद्रा को दूर करने वाली औषधि निर्माण में
- पुरुषों के लिए हार्मोन संतुलन एवं प्रजनन स्वास्थ्य औषधि निर्माण के लिए
निष्कर्ष(Conclusion)
इस लेख के माध्यम से हमनेअश्वगंधा के बारे में संपूर्ण जानकारी दिया| और आप सब ने जाना कि इसके द्वारा निर्मित औषधियां स्वास्थ के लिए कितना लाभकारी होता है|
अंत में देखा जाए तो अश्वगंधा सिर्फ एक प्राकृतिक पौधा ही नहीं बल्कि पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक औषधियां का खजाना है|
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल(FAQs)
Q.Ashwagandha का उपयोग कैसे करना है?
A.इसके प्रयोग के लिए आपको आयुर्वेदिक स्टोर से इसे खरीदने पर ही पता चल जाएगा या फिर विशेषज्ञों से परामर्श से|
Q.क्या इसके प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट होता है?
A.बिल्कुल नहीं,परंतु इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की राय अवश्य ले|
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Writen by Suraj Horo